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श्री कृष्ण इंटर कॉलेज निवाड़ी (गाज़ियाबाद) की स्थापना श्री डालचंद शर्मा, समाज सेवक की सलाह पर श्री ओंकार नाथ एवं श्री होशियार सिंह ने 15 अक्टूबर सन 1948 ई० में की थी| जिसमे इनहों ने एक एकड़ भूमि तथा पच्चीस हजार रूपये नगद प्रदान करके विद्यालय को जूनियर हाइ स्कूल से प्रारंभ किया और एक वर्ष से भी कम अवधि में दिनांक : 23 अगस्त सन 1949 ई0 को विद्यालय ने हाईस्कूल की मान्यता प्राप्त की | विद्यालय ने हाईस्कूल की मान्यता प्राप्त कर उन्नति के पथ पर आगे बढ़ने लगा | विद्यालय की उन्नति के लिए अथक प्रयास निरन्तर चलते रहे | तत्पश्चात 18 सितंबर 1954 ई0 को शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इंटर्मीडिएट स्तर पर विद्यालय को साहित्यिक वर्ग तथा कला वर्ग में मान्यता प्राप्त हुई | इसी क्रम में 16 दिसंबर सन 1962 ई0 में विज्ञान एवं रचनात्मक विषयों की स्वीकृति भी विद्यालय को प्राप्त हुई|

इस प्रकार केवल 10 वर्षों में एक प्रारंभिक पाठशाला एक पूर्ण विकसित इंटर कॉलेज में परिणित हो गई|

विद्यालय गाज़ियाबाद के औद्योगिक नगर मोदीनगर से मात्र 06 कि०मी० कि दूरी पर निवाड़ी क्षेत्र के अंचलमें स्थित है |

किसी भी राष्ट्र की सम्पत्ति वहां के श्रेष्ठ और उच्च चरित्र के नागरिक होते हैं | किशोर वय संधि में बालक विद्यालय में पढ़ने हेतु आते हैं | जिसके लिए श्री रमेश सिंह (प्रधानाचार्य) के नेतृत्व में विद्यालय का पूरा स्टाफ पूरी निष्ठा व लगन से कार्य कर रहा है।

  • Infrastructure

विद्यालय का वर्तमान भवन आवश्यकता के अनुरुप पर्याप्त है | भवन पुराना होने के बाद भी अच्छी हालत में है | समय समय पर विद्यालय भवन कि मरम्मत व सुसज्जा का कार्य निरन्तर होता रहता है |

प्रबंध सीमित के द्वारा भवनों के रख-रखाव के लिए निरन्तर प्रयास जारी रहते हैं |

श्री रमेश सिंह (प्रधानाचार्य)सभी शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का सहयोग लेकर विद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं प्रधानाचार्य जी ने समस्त गतिविधियों से संबंधित शिक्षकों की समितियां बनाकर प्रत्येक कार्य में पारदर्शिता रखने का प्रयत्न किया है |

विद्यालय के समस्त शिक्षक एवंशिक्षणेत्तर कर्मचारी पूर्ण निष्ठा एवं इमानदारी से विद्यालय के प्रति अपने कर्तव्य एवं दायित्व को श्री श्री रमेश सिंह (प्रधानाचार्य) के नेतृत्व में बड़े ही अच्छी तरीके से निभा रहे हैं|

विद्यालय चारों तरफ से हरियाली से पूर्ण प्रदूषण मुक्त है विद्यालय में छात्रों के खेलने के लिए बहुत बड़ा खेल का मैदान है जिसमें छात्र क्रीडा अध्यक्ष के निर्देशानुसार समय-समय पर खेलों में प्रतिभाग करते रहते हैं |